|
||
बाल गीत : असली फूल दिखाओ | ||
|
||
मां गुड़हल का फूल कहां है, चित्रों वाले फूल दिखाकर, हमनें बस गेंदा गुलाब के, बाकी तो पुस्तक में देखे, चंपा और चमेली के कुछ, सदा सुहागन, बारह मासी, आक, धतूरे के, सुनते हैं, किसी गांव में चलकर इनकी, कहते हैं पीला कनेर भी, पारिजत और फूल ढाक के, इनका कहां ठिकाना है मां, प्रभुदयाल श्रीवास्तव| | ||
|