24/02/2021  :  15:31 HH:MM
बाल गीत : असली फूल दिखाओ
Total View  113


मां गुड़हल का फूल कहां है,
लाकर मुझे दिखाओ।

चित्रों वाले फूल दिखाकर,
मुझको न बहलाओ।

हमनें बस गेंदा गुलाब के,
देखे फूल असल के।

बाकी तो पुस्तक में देखे,
झूठे और नकल के।

चंपा और चमेली के कुछ,
फूल कहीं से लाओ।

सदा सुहागन, बारह मासी,
नाम सुने हैं मैंने।

आक, धतूरे के, सुनते हैं,
होते फूल सलोने।

किसी गांव में चलकर इनकी,
सुन्दर छबि दिखाओ।

कहते हैं पीला कनेर भी,
होता लोक लुभावन।

पारिजत और फूल ढाक के,
देखूं करता है मन।

इनका कहां ठिकाना है मां,
रास्ता तो बतलाओ।

प्रभुदयाल श्रीवास्तव|






Enter the following fields. All fields are mandatory:-
Name :  
  
Email :  
  
Comments  
  
Security Key :  
   3424463
 
     
Related Links :-
कैसे हो तुम चंदा मामा हाल पूछने आए हम
गार्ड की नौकरी करता है ये कुत्ता! मालिक के आने पर खोलता है गेट; कॉपी में करवाता है एंट्री; Video देख हुए हैरान
हाथ पैर बन जाते पंख
बाल गीत : असली फूल दिखाओ
बाल कविता : कैसे दिखते गांव
चुटकुला : मारवाड़ी से धंधा और पंगा
चुटकुला : हम दोनों अंधे हैं
 
CopyRight 2016 Rashtriyabalvikas.com