भारत दुनिया के श्रेष्ठ देशों में से एक है और यह जनसंख्या में दुनिया का दूसरा तथा क्षेत्रफल में दुनिया का सातवां बड़ा देश है तो इस देश का प्रधानमंत्री होना सच में एक बहुत बड़ा गौरवशाली पद तथा एक बहुत ही बड़ी जिम्मेदारी है।
दोस्तों, दुनिया के ज्यादातर लोकतांत्रिक देशो में प्रधानमंत्री पद की व्यवस्था की गई है।
हमारा देश एक संसदीय देश है तो यहां प्रधानमंत्री तथा राष्ट्रपति दोनो पदों की व्यवस्था है, जबकि कुछ देश जैसे; अमेरिका, एक अध्यक्षी शासन प्रणाली द्वारा संचालित देश है जहां पर केवल राष्ट्रपति पद की व्यवस्था है।
प्रधानमत्री वास्तव में किसी भी देश का प्रथम व्यक्ति होता है, और संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति के बाद देश का दूसरा उच्च पद। लेकिन हमारे संविधान में कुछ ऐसी व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति ग्रेट ब्रिटेन की महारानी की तरह केवल “नाम मात्र का शासक” है।
इन कामों को छोड़ दिया जाए तो देश में होने वाले अन्य सभी कार्य प्रधानमंत्री की देखरेख में होते हैं, तो कुल मिलाकर ये मान लिया जाए कि प्रधानमंत्री ही देश का शासक होता है।
यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो क्या करता
यदि मुझे प्रधानमंत्री बनने का मौका मिले तो मैं निम्नलिखित कार्य करूंगा।
पॉलिटिक्स में एक योग्यता का निर्धारण
हमारे देश के गरीब होने का एक कारण यह भी है कि यहां पॉलिटिक्स में जाने के लिए कोई योग्यता नहीं है, क्योंकि नेता ही लोकतंत्र नामक नाव के चालक हैं अगर चालक ही अयोग्य रहेगा तो वह नाव कभी भी पार नहीं हो सकती।
जिस तरह से एक सरकारी नौकरी के लिए योग्यता होती है उसी तरह राजनीति भी एक सरकारी नौकरी है, इसलिए इसके लिए भी योग्यता होनी चाहिए।
हमारे देश का हाल ये है कि एक आठवी पास व्यक्ति भी पैसे और ताकत के दम पर विधायक और सांसद बन रहा है जिसका परिणाम ये होता है कि जनता और उस स्थान विशेष का विकास नहीं हो पाता, विकास की बात तो छोड़िए कभी-कभी हालत बद से बदतर हो जाते हैं।
जिस तरह एक छात्र की सरकारी नौकरी में अपॉइंटमेंट से पहले संबंधित थाने में आपराधिक रिकॉर्ड चेक किया जाता है और आपराधिक रिकॉर्ड होने पर उसको नौकरी के लिए अयोग्य माना जाता है, ठीक उसी प्रकार देश के समस्त राजनीतिक पदों के लिए यही व्यवस्था होनी चाहिए और साथ में उस व्यक्ति के परिवार का भी आपराधिक रिकॉर्ड चेक किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री को देश के अंदर नीति बनाने और उसके संबंध में लोकसभा में विधेयक पेश करने और पास कराने का अधिकार है, इसलिए मैं प्रधानमंत्री बनने के बाद सबसे पहले राजनीति करने के लिए एक योग्यता का निर्धारण करूंगा जो निम्नलिखित रहेगी;
• कम से कम राजनीति शास्त्र में मास्टर्स की डिग्री
• न्यूनतम आयु 21 वर्ष
• अधिकतम आयु 40 वर्ष
• कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं
• पारिवारिक आपराधिक बैकग्राउंड नही
देश के प्रत्येक नागरिक को जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति
प्रधानमंत्री बनने पर मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि प्रत्येक नागरिक को जीवन की मूलभूत सुविधाएं मिले और इसके लिए एनजीओ से संपर्क करूँगा और उनको सरकार द्वारा सुविधाएं देने का प्रयास करूंगा जिससे ये एनजीओ अच्छी कार्यकुशलता से काम करे।
देश में लगभग ¾ जनसंख्या ऐसी है जिसको एक समय का भोजन नहीं उपलब्ध होता है। इसके अलावा छोटे छोटे बच्चो और बूढ़े माता पिता जो सड़क पर भीख मांगने और रहने को मजबूर हैं उनको चिन्हित करके आश्रय स्थल बनवाउगा तथा उस आश्रय स्थल में खाने पीने की पर्याप्त व्यवस्था और स्किल सिखाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उस जिले या मंडल के आला अधिकारियों को सौंपी जाएगी। किसी भी गड़बड़ी होने की स्थिति में आला अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी।
प्रत्येक शनिवार और रविवार को इन आश्रय स्थल पर रहने वाले लोगों की चिट्ठी द्वारा भेजी गई शिकायतों पर उचित कार्यवाई का प्रतिबंध करूंगा।
कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाऊंगा
भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां का किसान अब अपर्याप्त तथा अनिश्चित मौसम से परेशान होकर कृषि छोड़ रहा है जो सच में चिंता की बात है। एक जमाना था जब भारत की 76% आबादी कृषि या कृषि आधारित व्यवसाय से जुड़े हुए थे आज यह आबादी 68.8% हो चुकी है, जो भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश के लिए चिंता का विषय है।
भारत में किसानों को आधुनिकता सिखाने का समय आ गया है। भारतीय किसान ज्यादातर पारंपरिक एक फसलीय खेती करते हैं जो असामान्य मौसम से खराब हो जाती है और किसानों का पैसा तक न निकल पाता है।
किसानों को सस्ती कीमतों में अनाज के बीज, खाद और कीटनाशक की व्यवस्था मुहैया कराने का प्रयास करूंगा तथा किसानों को बहुफसलीय और व्यवसायिक खेती करने को जागरूक करूंगा।
फैक्ट्री मालिको के साथ साझेदारी करके उनको किसानों को सस्ती कीमतों और फिक्स कीमतों पर अनाज के बीज और खाद मुहैया कराने का प्रयास करूंगा।
स्त्रियों को आत्म सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भर बनाना
आज के जमाने में स्त्रियों की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। इस दिशा हेतु मैं प्रधानमंत्री बनने के बाद हर 1-1 किलोमीटर में एनजीओ तथा सरकारी पैसे से एक मार्शल आर्ट्स की क्लास की स्थापना करूंगा और गांव की लड़कियों को फ्री में मार्शल आर्ट्स की शिक्षा दूंगा।
देश को आत्म निर्भर बनाना, विशेष रूप से चीन के व्यापारिक चंगुल से मुक्ति दिलाना
हमारा देश अभी भी आत्म निर्भर होने की दिशा में अग्रसर है लेकिन चीन के व्यापारिक चंगुल से आजाद नहीं हुआ है। देश में छोटे छोटे व्यापारियों को सरकारी सहायता देकर छोटे छोटे सामानों से चीन से निर्भरता कम करूंगा तथा चीन के उत्पादों में उच्च आयात शुल्क लगाकर चीनी उत्पादों के लिए भारत में रास्ता बंद कर दूंगा।
देश को रक्षा उत्पादों में आत्म निर्भर बनाने के लिए डीआरडीओ तथा इसरो को सरकारी छूट दूंगा जिससे वो अधिक से अधिक उच्च स्तर के रक्षा उत्पादों का निर्माण कर पाए।
जनसंख्या प्रतिरोध बिल
जनसंख्या ऐसा दीमक है जो हमारे देश की क्षमता को खोखली कर रहा है। मैं प्रधानमंत्री बनने के बाद पूरे देश में जनसंख्या प्रतिरोध बिल पास करवा कर “हम दो हमारा 1” की नीति लागू करवाऊंगा।
बिल पारित होने के बाद जिसके 1 से ज्यादा बच्चे हुए वह आजीवन सरकारी सेवा से वंचित हो जाएगा तथा उसकी सरकारी संपत्ति, सेवा या छूट तुरंत वापस ले ली जाएगी।
बेरोजगारी के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से साझेदारी
भारत में बेरोजगारी की दर इतनी ज्यादा है कि आज का युवा एक 10,000 की नौकरी से खुश है और वह जिंदगी भर वही 10,000 की नौकरी पर खुश रहेगा, इसकी वजह ये है कि उसको पता है कि अगर ये 10,000 की नौकरी छूटी तो उसको बहुत ही मुश्किल से नौकरी मिलेगी।
यह भारत का दुर्भाग्य है कि युवा प्रधान देश होते हुए भी भारत अपनी टैलेंटेड युवा पीढ़ी से उतना लाभ नहीं ले पा रहा है , शायद भारत के आजादी के 75 साल बाद भी विकासशील होने की वजह यही है।
मैं प्रधानमंत्री बनने के बाद अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से बात करके देश के योग्य युवाओं को बेहद सस्ती कीमतों में स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के बाद इंटर्नशिप तथा जॉब दिलवाऊंगा।
आरक्षण को खत्म करूंगा
सरकारी नौकरी में आरक्षण की वजह से भी काफी गैर आरक्षित वर्ग के टैलेंटेड युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, हालांकि आज के फास्ट पेस्ड दुनिया में आरक्षण का कोई औचित्य नहीं है।
मैं प्रधानमंत्री बनने के बाद सरकारी नौकरी से आरक्षण हटा दूंगा जिससे शिक्षा तथा नौकरी के क्षेत्र में समानता आ जाए, इसके बजाय मैं गरीब आरक्षित वर्ग के बच्चों को निः शुल्क सरकारी नौकरी की कोचिंग तथा स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम की व्यवस्था करूंगा, क्योंकि हमारे आज के युवा इतने समर्थ हैं कि उनको बस एक साधन चाहिए रास्ता वो खुद से बना लेंगे।