अगर आपका बच्चा अक्सर थकान महसूस करता है, सुस्त रहता है, वजन तेजी से बढ़ रहा है या पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पा रहा है, तो हो सकता है कि उसे थायराइड की समस्या हो. ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेकर जांच कराना बेहद जरूरी है. समय पर इलाज और सही खानपान से इस समस्या को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है.
थायराइड की समस्या सिर्फ बड़ों तक सीमित नहीं है, यह बच्चों को भी हो सकती है. कुछ बच्चों को जन्म से ही थायराइड की दिक्कत होती है, जिसे कॉनजेनिटल हाइपोथायरायडिज्म कहते हैं. वहीं कुछ मामलों में यह बीमारी धीरे-धीरे विकसित होती है, खासतौर पर तब जब शरीर की रोग-प्रतिरोधक प्रणाली (इम्यून सिस्टम) गलती से थायराइड ग्रंथि पर हमला करने लगती है. इसे ऑटोइम्यून थायराइडिटिस या हाशिमोटो डिज़ीज़ कहा जाता है.
आयोडीन की कमी या अधिकता
पारिवारिक इतिहास
ऑटोइम्यून डिसऑर्डर
कुछ खास दवाओं का असर
रेडिएशन के संपर्क में आना
कभी-कभी जन्म के कुछ हफ्तों में ही थायराइड के लक्षण दिखने लगते हैं जैसे:
सुस्ती
रोने में कमजोरी
पीलापन
बढ़ोतरी में रुकावट
वजन तेजी से बढ़ना
भूख कम लगना
ठंड ज्यादा लगना
त्वचा का रूखा होना, बाल झड़ना
कब्ज की समस्या
चेहरे पर सूजन
ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत
पढ़ाई में मन न लगना
बोलने में धीमापन
नवजात शिशुओं में दूध पीने में परेशानी, सुस्ती और कम एक्टिव रहना
बच्चा जरूरत से ज्यादा एक्टिव लगता है
अचानक वजन कम होना
भूख बहुत बढ़ जाना
बार-बार पसीना आना
नींद न आना
गुस्सा या चिड़चिड़ापन
हाथ कांपना, तेज़ धड़कन
आंखों की पुतलियों का उभरा दिखना
इन लक्षणों में से कोई भी दिखे तो डॉक्टर से सलाह लेकर थायराइड की जांच (TSH, T3, T4) करवाना चाहिए.
✅ आवश्यक चीजें:
आयोडीन युक्त नमक – थायराइड हार्मोन के लिए जरूरी
दूध, दही, पनीर, अंडा – प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर
हरी पत्तेदार सब्जियां और फल – जैसे सेब, केला, बेरीज़
नट्स और बीज – जैसे बादाम, सूरजमुखी के बीज (सेलेनियम व ज़िंक का स्रोत)
धूप – विटामिन D के लिए जो थायराइड स्वास्थ्य के लिए जरूरी है
❌ इनसे परहेज़ करें:
कच्ची पत्तागोभी, ब्रोकली, फूलगोभी – खासकर हाइपोथायरायडिज्म में
अधिक सोया प्रोडक्ट्स – ये हार्मोन के अवशोषण को रोकते हैं
जंक फूड और प्रोसेस्ड चीजें – पोषण में कमी और थायराइड को नुकसान
अत्यधिक मीठा और कैफीन – हार्मोन बैलेंस को बिगाड़ सकता है
अगर बच्चे में बार-बार थकान, वजन बढ़ना, एकाग्रता की कमी, या ग्रोथ में रुकावट दिख रही है, तो बिना देरी के डॉक्टर से मिलकर थायराइड टेस्ट करवाएं. सही डाइट और नियमित इलाज से बच्चों का थायराइड पूरी तरह से कंट्रोल में लाया जा सकता है, और उनका विकास सामान्य रूप से होता रहता है.