बच्चे आसपास की दुनिया को देखकर अधिकतर चीजें सीखते हैं। लेकिन कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें या तो जन्म से ही देखने में परेशानी होती है या समय के साथ उनकी आंखों की रोशनी औरों की तुलना में कमजोर होती जाती है। कई बार यह भी देखा गया है कि ऐसे बच्चे अपनी परेशानियों को समझ नहीं पाते और इस वजह से वे अपने माता-पिता को बता भी नहीं पाते कि वे आंख से कम देख पा रहे हैं। ऐसे में पेरेंट्स के लिए यह पता लगाना मुश्किल होता है कि उनके बच्चे की आंखों की रोशनी ठीक है या नहीं। कई बार बच्चों को परफॉर्मेंस इस वजह से खराब होने लगता है और वे पढ़ाई खेलकूद से भागने लगते हैं। ऐसे में माता पिता कैसे समझें कि उनके बच्चे की आंखों में प्रॉब्लम आ रही है। आइए जानते हैं किन लक्षणों को देखकर आप समझ सकते हैं कि बच्चे के आंखों की रोशनी कम है और उसे चश्में की जरूरत है।
इन लक्षणों से समझें कि बच्चे को चश्मे की है जरूरत
पास से टीवी देखना
ऑल अबाउट विजन के मुताबिक, अगर आपका बच्चा टीवी के काफी करीब जा रहा है और देखने की कोशिश कर रहा है तो समझें कि उसे देखने में परेशानी हो रही है। यह संकेत है आंखें खराब होने की।
एक आंख बंद करना
अगर आपका बच्चा किसी चीज को ध्यान से देखने के लिए बार बार एक आंख बंद करता है तो इस लक्षण को सीरियसली लें। हो सकता है कि उसे नॉर्मल विजन में परेशानी आ रही हो।
पढ़ते वक्त खो जाना
अगर आपका बच्चा कुछ पढ़ रहा है और बार बार यह भूल जा रहा है कि उसने अंतिम पंक्ति कहां छोड़ी थी तो यह क्रॉस आई की परेशानी हो सकती है।
उंगुली रखकर पढ़ना
छोटे बच्चों को उंगली रखकर पढ़ना आसान लगता है। लेकिन अगर आपका बच्चा थोड़ा बड़ा हो गया है और तब भी शब्दों पर उंगली रखकर पढ़ता है तो यह इशारा है कि आपके बच्चे को लेज़ी आई की परेशानी है।
सिर में दर्द
अगर आपके बच्चे को कम उम्र में ही सिर में दर्द या चक्कर जैसी परेशानी हो रही है तो यह आंख की रोशनी में दिक्कत की वजह से हो सकता है।